
काश...ऐसा हो
की १५ august का तिरंगा London में लहराए,
4th july के celebrations हिंदुस्तान मनाये,
IPL अफ्रीका में और ashes पाक में खेला जाए...
सारा world एक हो जाए,
हम सिर्फ planet Earthian कहलायें,
उत्सव हमारी जात हो, आनंद हमारा गोत्र,
प्रेम हम सबका एकमात्र स्तोत्र...
देश तो हो पर देशभक्ति नहीं,
spirituality हो पर religion नहीं...
God पर हो थोड़ा ज़ोर कम,
Godliness पर आकर सब कुछ जाए थम,
वन्दे मातरम के इस शोर- शराबे में,
देखना...कहीं दब न जाए ये वासुदेव कुटुम्बकम...
आमीन
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