चित भी मेरा पट भी मेरा और सिक्का मेरे बाप का |
Heads हो या हो फिर tails
इश्क से इश्क में होती ही नहीं कभी bail
सिक्का है ये आशिक़ी का
बच्चों का नहीं ये कोई खेल
कारागार ये किशन-कन्हैय्या का
ज्ञानी समझ बैठे इसे मायावी jail
नादानियां देख मीरा दीवानी की
अक्लमंदों की मति भी हो जाती fail
राधा प्यारी की मासूमियत है अनमोल
दुनियादारों को लगती मगर ये एक tale
जाना है जिन्होंने मगर ब्रज बालाओं को दिल से
सहजता से दिखाई दी उन्हें गोपियों की अंतहीन rail
तू भी असीमित कर सोच का दायरा अपना
डूब कर इश्क में दिलोजान से मिटा मन का मैल
एक बार लूटा कर देख मोहब्बत भरी ये दौलत प्रेम से
No, no.. no.. love is not for sale
;-)
Man is bad case....isn't it?