Saturday, August 31, 2013

Love ain't for Sale

चित भी मेरा
पट भी मेरा
और
सिक्का मेरे बाप का 


Heads हो या हो फिर tails 
इश्क से इश्क में होती ही नहीं कभी bail 
सिक्का है ये आशिक़ी का 
बच्चों का नहीं ये कोई खेल 

कारागार ये  किशन-कन्हैय्या का 
ज्ञानी समझ बैठे इसे मायावी jail

नादानियां देख मीरा दीवानी की 
अक्लमंदों की मति भी हो जाती fail

राधा प्यारी की मासूमियत है अनमोल
दुनियादारों को लगती मगर ये एक tale 

जाना है जिन्होंने मगर ब्रज बालाओं को दिल से 
सहजता से दिखाई दी उन्हें गोपियों की अंतहीन rail 

तू भी असीमित कर सोच का दायरा अपना 
डूब कर इश्क में दिलोजान से मिटा मन का मैल 

एक बार लूटा कर देख मोहब्बत भरी ये दौलत प्रेम से 
No, no.. no.. love is not for sale 

;-)  






Man is bad case....isn't it?

Wednesday, August 28, 2013

Keshav Kalki : जन्म जन्माष्टकम !!

  केशव कल्कि :


नटखट नन्द्लालम 
नयन पिन्गाक्षम 
मनमोहक मुस्कानम करत हाल-बेहालम !!

ग्वाला गोपालम 
चंचल चित्वनम 
फोड़त मन हांडी मय सुर-तालम !!

गोपिका वल्लभम 
मोहिनी सुरतम 
रचत रास-रंग नवरसम कालम !!

सारथि मोहनम 
सार्थक योवनम 
अर्जुनी मोह-मायम तजत गीता-bible-कुरानम !!

केशव त्वम् कल्कि 
लाज राखो पल-पल की 
सांवरे-सलोने त्वम् 
पाप मोहे धोनम 

सुदर्शनम घन्श्यामं 
कर्मयोगी त्वम् दयानिधाम 
हे राधे-कृष्णम
त्वम् मर्म अस्मम 
जगत कल्याणं 
जन्म जन्माष्टकम !!  


Sunday, August 11, 2013

MAN IS BAD KASE: "Bol baby Bol Rock n Roll"

MAN IS BAD KASE: "Bol baby Bol Rock n Roll": "Bol baby Bol Rock n Roll" The language of LOVE knows no limitations at all no, no, nope....none at all !! Limitless is its natur...

Man is bad case....isnt it?

"Bol baby Bol Rock n Roll"

"Bol baby Bol
Rock n Roll"

The language of LOVE knows no limitations at all
no, no, nope....none at all !!
Limitless is its natural habitat
Limitless are its signs, signals & symptoms
yes, yes, yup....for all and sundry
no matter
whether its Charlie's Angels
or
Vikram Betaal
Lingo isn't its hurdle at all
God day !!
To,
Tom, Dick & Harry !!
Doesn't matter
even if you are Jaafri, Sheshadri or Agrawall ;-)

http://youtu.be/Zywy9lU2vOY


Man is bad case....isnt it?

सुबह-ओ-शाम

Humaima Malick


सुबह-सुबह तेरा नाम लेते हैं हम,
दोपहर हो जाती है तेरे ही सदके में सनम,
शाम छा जाती है मदहोशी तेरे तसव्वुर की,
रात को सजदे में सरेआम होते हैं करम


ना जीते हैं और ना ही मरते हैं हम 
जाने क्यूँ फिर भी मगर 
तेरे ज़िक्र पे ये क़त्ल-ए-आम होते हैं हर जनम 



आठ पहर चौसठ घड़ी 
बजती रहती है दिल में शहनाई तेरे सिमरण की 
जाने क्यूँ फिर भी मगर 
ये घंटे घड़ियाल से लगते हैं सनम 



तुम ही सीखा दो अब हमें 
ये साँसें लेने-छोड़ने के सितम 
ओ मेरे यारा !!
ओ मेरे दिलबर !!
ओ मेरे सितमगर !!
वर्ना तो ज़िन्दगी में किस्से तमाम होते हैं हर दम 



बोलिये… सीखाएँगे आप मुझे 
यूँ पल-पल जीना 
और 
यूँ ही पल-पल मरना ??
या 
फिर से एक बार छोड़ देंगे आप मुझे 
सुबह-ओ-शाम तरसने और तड़पने के लिए सनम ??

Mahira Khan

बोलिए ना…  


Man is bad case....isnt it?