Just as the beauty lies in the eyes of a beholder,
similarly,
Reading the crux between the lines is a sublime art
or else;
we tend to read that which is not meant.
मानवीय दुनिया को हकीकत जान लेने वाले दुनिया छोड़ने कि बातें करते देखे-सुने गए हैं ख्याली सपनो में
दीवारें चिकनी-चुपड़ी बातें तो कर सकती हैं पर होतीं वे इंसानो जैसी दोमुही नहीं
जैसा भी है वो
दुआ यही है कि 'वो' आबाद रहे, दिलशाद रहे, पुरनूर रहे…,
अब ये बात ओर कि दुआएं हमारी किसी दीवार से टकरा कर दम तोड़ देती हैं..!!
साये को भी मेरे, ना मेरे किरदार कि फ़िकर है और ना ही मेरे वज़ूद कि
यार ही रहने तू मुझे अपना, ओ मेरे यारा…,
बक्श दे तू मुझे बस वो दौलत, तड़पता जिसके लिए ये जग सार..!!
हम जिसे भी मिले वो बर्बाद हो गया…,
भेजा हमें जो दूर उसने तो 'वो' आबाद हो गया..!!
असल मोहब्बत वो जिसमे एक साथ जीने कि होती है ख्वहिश…,
बेदार मोहब्बत वो जिसमे साथ-साथ मर कर साथ-साथ जीने कि रहती है गुंजाईश..!!
Man is bad case....isnt it?
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