Oh girl...
Oh girl...
Why do you want to be just like boys...???
Why do you seek equality from men...???
Don't you know
that
You are unique in just the way you are...!!!
What makes you so beautiful
is the fact
that
you are just you...!!!
not this, not that
but
the real original you...!!!
Hope. you know you
Trust, you trust you.
Oh girl...
Oh girl...
Why do you wanna imitate men...???
Why do you wanna compete with someone you complete...???
Don't you know
that
we boys play with destructive toys...!!!
As you lovingly create our homes
&
worlds
worthy enough to be lived...!!!
Hope, you believed
Trust, you relieved.
सोचो...
सोचो गर चाँद सूरज होना चाहे तो क्या होगा..!!
हर फूल गुलाब होना चाहे तो क्या होगा..!!
छा जाएगी हर सूं एक गहरी उदासी,
औरत के जिस्म में भी गर मर्द होगा..!!
हर स्वाद लगने लगेगा बेस्वादु,
सेब-ओ-संतरों में गर एक ही रस होगा..!!
शोर से लगने लगेंगे ये गीत-ओ-ग़ज़ल,
सात सुरों का गर ना सरगम होगा..!!
जाने क्या होगा इस क़ाएनात का हश्र,
चेहरे-चेहरे में गर ना कोई फर्क होगा..!!
और फिर ये भी तो है की ;
रोज़ मिलें, बात हो, साथ हो...
ये जरुरी तो नहीं..
फूल खिलें, मौसम हो, बरसात हो...
ये जरुरी तो नहीं..
ज़िन्दगी चलती रहती है हर वक़्त यूँ ही,
हम हों, तुम हो, जज़्बात हो...
ये जरुरी तो नहीं..
आँखों से भी तो ज़ाहिर हो जाती है दिलों की ख़ुशी,
उत्सव हो, गीत हो, नाच हो...
ये जरुरी तो नहीं..
यूँ बेवजह भी तो हो सकते हैं ये कुदरत के खेल,
मकसद हो, पंख हो, परवाज़ हो...
ये जरुरी तो नहीं..
ना जाने क्यूँ जीए जाते हो अब तुम 'मनीष',
सांसें हों, दिल हो, धड़कन हो...
ये जरुरी तो नहीं..