इबादत मेरी
मुरादों को पूरी करने के लिए नहीं
आँसूं मेरे
आँखों की ख़ूबसूरती के लिए नहीं
हूँ
जब तक मैं किसी वजह के लिए
हूँ मैं
किसी लायक नहीं
असर हमारी दुआओं में होता अगर
यूँ खुद के खुदा हम ना हुए होते..!!
खुदी हमारी जो होती खुदपरस्ती
खुदा यूँ हमारे खुदाई ना हुए होते..!!
"वो" ही लिखता किस्मत गर सबकी
यूँ सौदाई ये ज़माने ना हुए होते..!!
"उसके" ही रहमो-करम पे चलती जो ये दुनिया सारी
यूँ पैगम्बरी ये अफ़साने ना हुए होते..!!
जो बाँधा होता "उसने" हमें गुलामी की जंजीरों से
यूँ शक्ल में "उसकी' ये परवाने ना हुए होते..!!
होता जो "वो" लेने वाला और "वो" ही देने वाला भी
यूँ मंगतों के लम्बे ये काफिले ना हुए होते..!!
माँगा होता "उसने" खुद को ही फकीर बन
यूँ हुस्न-ओ-दौलत के ये भिखारी ना हुए होते..!!
"उसके" लिक्खे को जो ले आते हम अमल में
यूँ बातों के ये पुलंदे ना हुए होते..!!
वेद-ओ-कुरआन की आयतें जो रटते रहते 'मनीष'
यूँ बहिश्त में बिस्मिल के नज़ारे ना हुए होते..!!
No comments:
Post a Comment
Please Feel Free To Comment....please do....