या
तेरा नाम ले-लेकर
ये छिछोरे हुल्ल्ड्बाज दिखा रहे हैं अपना असली चेहरा तुझको माई ..??
शोरगुल क्यूँकर इतना मचा रहे हैं
ये रंगदार, ये रसूखदार माई ..??
क्या बहरे हुए हैं सारे माई के लाल और उनकी ताई ..??
युवतियां सजधज के अपनी सुन्दरता दिखाने को तत्पर लग रही हैं माई,
शाम ढलते ही अपनी अदाएं, अपने जलवे दिखा-दिखा कर इतर रहीं हैं माई,
गिनती हैं फिर आशिकों के नंबर,
क्या नहीं सीखे लोक-लाज और स्त्रैण शक्ति के गुण तुमसे माई ..??
युवक इन युवतियों को वासनामयी नजरों से घूरते चले जाते हैं तेरे दरबार में,
तेरी भक्ति, तेरी शक्ति, तेरे दीदार से क्या इन्हें कोई भी मतलब है माई ..??
नेतागण, इवेंट मैनेजर, इवेंट आर्गेनाइजर जैसे चतुर खिलाडियों की
मनोकामनाएं पूरी होने की तो जैसे नौ रातें ढोल-धमाकों के साथ है आई
तुम अपनी ज्वाला, अपना रौद्र रूप कब दिखोगी माई ..??
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