इश्काँ होने में ना जाने क्यूँ बेहिसाब शर्म आती है…!!
माँ कसम कह रिया हूँ;
लैला-मजनू की आँखें इंसानों की ये अजीब मांग देख-सुन
हैरत से बेगानी इंसानियत को तकती रह जाती हैन…!!
देखो भाई-जान बात ऐसी है की;
जिस इश्क ने खुदाई ठग ली
उसी इश्क दे पेड़ विच - ईमान ते एतबार नि डंगाल पायी जाती है…!!
इमानदारी से, ईमान से;
श्रद्धा-विश्वास रखियो इश्क चम्बे दी बूटी विच…
रक्खोगे ना…??
रब राखा :-)
http://youtu.be/lQavW1X02TU
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