नमोकारी टंकार
बेरोजगारी का दर जो घट गया
तो यूँ समझ लो
कि
रोजगारों को शोषित करने का स्तर और बढ़ गया
शोषित होना या शोषित करना पुरातन प्रथा हो जिस समाज कि
वहाँ तो बस ये जान लो कि अमीरों को भाग्य से एक और गरीब मिल गया ;-)
निर्माण कार्य को ही रोजगार समझता है जो नादान
वो क्या ख़ाक जानेगा महाकालेश्वर प्रेरित निर्वाण
बेहतर है कि कुछ तय ही ना किया जाए यहाँ
खासतौर से तब जब कुछ भी तयशुदा नहीं यहाँ
लय से लव करा, मोहबात से मोहब्बत कि इबादत करा इंसान
मोहब्बत करा, मोहब्बत करा, मोहब्बत करा ओह अनजान
याद करने कि जरुरत उन्हें पड़ती है
जो भूल जाते हैं सांस लेने का मकान
सांसें लेना ही अपराध लगे जिसे तेरे बिना
तू ही बता फिर क्या करे वो आशिक़ गुलफाम
रह लो जब तक तुम रहना चाहो इल्म के दलदल में
हम आबाद हैं डूबकर इश्क़ के दरिया में जानेजान
गरीब हैं ऐसे हम कि खुद को गरीब भी नहीं कह सकते
दे सकते हैं दिल हज़ारों को पर तुझे नहीं दे सकते मेरी जान
अब तुम्हे नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी
तुम्हारे हर ऐब के हम जोड़ीदार सही, जिम्मेदार नहीं मदाम
हम-तुम हैं या तुम-हम हो, पता नहीं?
पता सिर्फ इतना कि हमतुम एक हो या ना हों
रहता तुम्हारे-हमारे बीच कोई 'वो' नहीं, अहम् नहीं आवाम
तेरी कमी भी है तेरा एहसास भी है, तू दूर भी है मेरे पास भी है
खुदा ने कुछ यूँ नवाजा है तुम्हारे वजूद से मुझे मोहतरमा
कि उसका शुक्र भी है और खुद पर नाज़ भी है
मैडम को चित्त करने के प्रलोभन में अपने ही पुरखो को कह गया वो बोड़म
नाम बूझने पर कोई नव कमल न खिलेंगे इतना बेकल वो नमो नम
लगता है क़यामत के दिन ही अब वो चांदनी रात आएगी
जब चाँद खिलेगा और रंग और नूर कि बरात साथ आएगी
तब तक तो बस यूँ ही सुबह होगी, शाम होगी
ज़िन्दगी यूँ ही तमाम होगी
रंगो के भेद में उलझ गया जो
रंगीन दुनिया देखने को तरस गया वो
खुशरंग हीना का दर्द वो क्या जाने
सतरंगी माया में उलझ गया जो
O Man_Jeete Jag_Jeet |
पहले पहल सरदार पटेल को गुज्जु समझने कि भूल
फिर जब एक पंजाबी सरदार ने हिला दिया मूल
तो नमो नामक हिंदूवादी सरदार को याद आ गए सभी पंचतत्व मूल-चूल
देखते जाओ तमाशा मेरे हमवतन साथियों
कि अभी बाकी है देखना नानी माँ कि दोधारी शूल ;-)
बोलो बम बम भोले बम बम भोले भोले बम बम
बगड़ बम बम बगड़ बम बम बगड़ बम बम ;-)
Man is bad case....isn't it?
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