किसी माशूक़ शायर ने क्या खूब लिखा और जगजीत सिंह ने क्या खूब गाकर इस शेर को पेश किया :
"आख़री हिचकी तेरे ज़ानो पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ"
ऐसी माशूक़ मौत मगर सिर्फ ताउम्र मोहब्बत से मोहब्बत के लिए जीने वालों को ही नसीब होती हैं जनाब....,
वर्ना तो मौत को करीब देखकर ज्यादातर लोगों कि आँखें डर के कारण खुली कि खुली ही रह जाती हैं..!!
http://youtu.be/qU0ML2gQU74
Man is bad case....isn't it?
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