The increasing darkness of trials only makes the lamp of grace shine brighter.
अब बस भी करो ! |
।। असतो माँ सदगमय - तमसो माँ ज्योतिर्गमय।।
Enough is enough |
क्या सोच रोक रहीं थी कल तुम पीने से मुझे,
तुम्हे तो मालुम है ना की पीना-पिलाना कितना पसंद है मुझे
फँस गयी थी कल एक मछली जाल में मेरे
कांटे अपने जिस्म के निगलवा कर घायल कर गयी वो मुझे...
रही बात तुम्हारे हक़ कि तो वो तो खैर इतना है तुम्हारा मुझपे
की तुम कहो तो पीना-पिलाना तो क्या ये पूरी दुनिया ही छोड़ दूँ मैं
बस इतना सा एक वादा कर दो तुम मुझे
की फिर कभी ये ज़ालिम दुनिया ना छेड़ेगी-सताएगी तुम्हे
तुम शक्तिरूपेण हो तो अपने अंदर ही संस्थापित कर लो आज तुम मुझे,
कर लो, कर लो, कर लो माँ - वर दो, वर दो, वर दो माँ - जय भवानी अम्बे
।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमोः नमः ।।
SHE MEANS NO |
Man is bad case....isn't it?
No comments:
Post a Comment
Please Feel Free To Comment....please do....