HOMO SAPIEN IS THE BIGGEST THREAT THAT THIS WORLD FACES & YET HE IS THE ONLY HOPE...
in this blog we try to discuss, analyse, know a strange being on planet EARTH...MAN, who is he , why is he, what is he, where is he and when will he rise.......& many more such absurd questions.
आग है, मोह है, माया है, काम है, कामिनी है तब तक हम पूर्ण सन्यासी कहां, गृहस्थ सन्यस्थ हैं अभी तो पल पल डोलता है तन और मन, कभी यहां तो कभी वहां... आग लगती है पल दो पल में और बुझ भी जाती है पल दो पल में, मगर फिर जाग उठती है कभी भूख बनकर तो कभी प्यास बनकर...
आग है, मोह है, माया है, काम है, कामिनी है तब तक हम पूर्ण सन्यासी कहां,
ReplyDeleteगृहस्थ सन्यस्थ हैं अभी तो पल पल डोलता है तन और मन, कभी यहां तो कभी वहां...
आग लगती है पल दो पल में और बुझ भी जाती है पल दो पल में,
मगर फिर जाग उठती है कभी भूख बनकर तो कभी प्यास बनकर...
उसके पास इतनी फुरसत नहीं की मेरी परीक्षा ले,
ReplyDeleteये जंग है मेरी मुझसे ही
या मौला,
कर दे मुझे मुझसे ही रिहा