Friday, September 30, 2022

राम रची राखा


https://twitter.com/hvgoenka/status/1574734078531641346?t=GECKaEa2q-lnb9DSF3tK9g&s=08

Maybe one has to make right things happen in this materialistic world full of possession and possessiveness but there ain't anything wrong or right in this or that Spiritual world if Rumi where S/He lives.
पता है..!!??!!
दूर...., यहां से बहुत दूर...
गलत और सही के पार...
एक मैदान है...
मैं वहीं मिलूंगा तुम्हें
~ रूमी

There it happens beyond any scholastic/scientific/mindful/judgemental or eventual speculations.

Life just happens the way it does: 

चौपाई

होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा॥
अस कहि लगे जपन हरिनामा। गईं सती जहँ प्रभु सुखधामा॥

Tuesday, September 20, 2022

VIRAL CINEMATOGRAPHIC WORLD



You got it bro but most Indians don't.

Generally, they unconsciously or maybe consciously not only shoot but also vigorously promote & propogate such video films. No, their source of energy is not because of some altruistic social concern or enigma but an avarice to earn some kind of stardom as an entertainer, a social reformer, a holier than thou persona or a flabbergasting image of an anthropologist. They are indeed the real devil's advocates in Indian society.
Irony is that they 'know not what they are doing' and don't even have an iota of intellect to realise that they are indeed acting as some kind of melodramatic puppets in the hands of so called democratic politicians or elite class to spread the reign of melancholy. They are the real fans of capitalism who sincerely believe in the psychedelic psyche of creating havoc. Such psychomaniacs indeed have the power, post and devil's mind to come up with catchy & anarchic slogans like: "Entertainment के लिए कुछ भी करेगा"

घर खाली हो तो शैतान शक्तिमान हो उठता है
अकेला इंसान जाने क्या-क्या कर गुजरता है
ख़ुदाया, खौफ़ नहीं जिसे ज़िल्ल-ए-इलाही का
वो CCTV को प्रचार-प्रसार का माध्यम समझता है

May Sanity Prevail
Amen 



Man is bad case....isn't it?

Thursday, September 15, 2022

योग - संयोग

१४ सितंबर - हिंदी दिवस
१५ सितंबर - बिंदी दिवस

शिवोऽहम् शिवोऽहम् शिवोऽहम्

साईं की नगरी मधुर मिलन:

देखी जो उनकी तीर-ए-नज़र तो हम बदहवास हो गए
चौंक उठे कई सितारे जो वो हमारे खासमखास हो गए

माई के आशीर्वाद से गंधर्व विवाह संपन्न:

प्रेम में प्रेम से प्रेमी मिल लिए
आत्मा ने जैसे होंठ सिल दिए

जिसके हिस्से में रात आयी है, 
उसके हिस्से में चाँद भी होगा

विकल्प तो खैर किसी का भी नहीं...,
ना तेरा, ना मेरा, ना उसका,
एक नाम है सो गुम जाएगा,
आज नहीं तो कल ही सही..!!

सब को सब का जायज हक़ मिल गया
हमें भी हमारा "सबकुछ" मिल गया
बेजारी में बेकार से बेदार हो चले हम
श्रद्धा को सबूरी का सहारा मिल गया

ॐ साईं राम
ॐ माई नाम
ॐ नमः शिवाय ॐ
ॐ शिवोsहम शिवोsहम शिवोsहम ॐ
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏



Sunday, September 11, 2022

अर्धनारेश्वर




हे भगवान,
मर्द को औरत के रूप में देखने की कैसी ये चाहत है..??
औरत को मर्द बनकर क्या मिल जाती कोई ताक़त है..??

मर्द ही मर्द हों इस हसीन दुनिया में तो कैसा होगा..??
औरत ही औरत हो इस रंगीन जगत में तो कैसा होगा..?? 
सोचो ज़रा, ऐसा हो तो कैसा होगा...

क्या हर औरत में भी एक शक्तिशाली और दबंग मर्द छिपा होता है..??
क्या हर मर्द भी एक औरत की तरह अंदर ही अंदर बड़ा हसीन होता है..??
क्या शिव-शक्ति का समागम हो अर्धनारेश्वर नहीं होता...

ढूंढते फिरते हैं हम जिस जीवनसाथी को पल-पल हर पल इस मायावी दुनिया में,
क्या वो संगी-साथी, वो मृगनयन हमारे भीतर ही रचा-बसा नहीं होता..??

क्या कबीर कह नहीं गए की;

कस्तूरी कुंडल बसे मृग ढ़ूँढ़ै बन माहि।
ऐसे घटी-घटी राम हैं दुनिया देखै नाँहि॥

Man is bad case....isn't it?

Saturday, September 10, 2022



क्योंकर इतना जरूरी है तुम्हें किसी को ये समझाना की तुम क्या हो और कैसे हो...,

खैरियत उस पर इसी में की वो तुम्हें उतना ही अनुपम समझे जितने के तुम हो..!!

कभी किसी के दिल में उतर कर देख,
सारे चेहरे धुंधले पड़ जायेंगे...,

तहेदिल से उतारा जो किसी को दिल में,
मरने वाले थोड़ा जी जायेंगे..!!

🥰💘🥰

जी हां,
एहसासों का रिश्ता बड़ा गहरा है
मोहब्बतों पे नहीं ना कोई पहरा है

Man is bad case....isn't it?

Friday, September 9, 2022

Virtual world

काल्पनिक फिल्मों की सफलता मुझसे ये कहती हैं,
कल्पनाएँ हकीकतों से कई ज्यादा बेहतर होती हैं........
कल्पनाएँ सपने बुनती हैं जबकि हकीकतें सपने तोड़ती हैं
हकीकत जब कल्पना से मेल नहीं खाती तो सपने टूट जाते हैं






Man is bad case....isn't it?

Schools of thought




दो-दो school जाते हैं आजकल के बच्चे
एक private दूसरा public
पहले से वो किताबी ज्ञान लेते हैं
तो दूसरा उन्हें सिखाता है सामाजिक चाल-चलन
एक स्कूल लगता है चंद घंटों के लिए
तो दूसरा कभी बंद ही नहीं होता
24×7×365 उपलब्ध रहती है ये पाठशालाएँ 
कभी social media बनकर तो कभी society बनकर
आप ही बताइए
कौन सा स्कूल ज्यादा असरकारी है..??


Man is bad case....isn't it?