१४ सितंबर - हिंदी दिवस
१५ सितंबर - बिंदी दिवस
शिवोऽहम् शिवोऽहम् शिवोऽहम्
साईं की नगरी मधुर मिलन:
देखी जो उनकी तीर-ए-नज़र तो हम बदहवास हो गए
चौंक उठे कई सितारे जो वो हमारे खासमखास हो गए
माई के आशीर्वाद से गंधर्व विवाह संपन्न:
प्रेम में प्रेम से प्रेमी मिल लिए
आत्मा ने जैसे होंठ सिल दिए
जिसके हिस्से में रात आयी है,
उसके हिस्से में चाँद भी होगा
विकल्प तो खैर किसी का भी नहीं...,
ना तेरा, ना मेरा, ना उसका,
एक नाम है सो गुम जाएगा,
आज नहीं तो कल ही सही..!!
सब को सब का जायज हक़ मिल गया
हमें भी हमारा "सबकुछ" मिल गया
बेजारी में बेकार से बेदार हो चले हम
श्रद्धा को सबूरी का सहारा मिल गया
ॐ साईं राम
ॐ माई नाम
ॐ नमः शिवाय ॐ
ॐ शिवोsहम शिवोsहम शिवोsहम ॐ
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