किताबों के ढेर में छुपी हुई है बेजोड़, अनमोल और अमूल्य शिक्षा,
समय-समय पर तोल-मोल के गुणी जन लेते हैं इनसे अतुल्य दीक्षा,
ज्ञान का अर्जन कर अहंकार का विसर्जन करे हैं चतुर विद्यार्थी इनसे,
शिक्षक गण भी पग-पग पर कर जोड़ मांगे हैं इनसे बहुमूल्य भिक्षा..
।। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।।
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