किताबों के ढेर में छुपी हुई है बेजोड़, अनमोल और अमूल्य शिक्षा,
समय-समय पर तोल-मोल के गुणी जन लेते हैं इनसे अतुल्य दीक्षा,
ज्ञान का अर्जन कर अहंकार का विसर्जन करे हैं चतुर विद्यार्थी इनसे,
शिक्षक गण भी पग-पग पर कर जोड़ मांगे हैं इनसे बहुमूल्य भिक्षा..
।। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।।
🙏 📚 🙏
No comments:
Post a Comment
Please Feel Free To Comment....please do....