Sunday, September 29, 2024

मिलन और जुदाई

जब अकेलापन अच्छा लगने लगा तो फिर तूने दस्तक दी...,
और जब तू अच्छा लगने लगा तो तू फिर अकेला कर गया..!!

तमन्ना फिर मचल जाए
अगर तुम मिलने आ जाओ

ये मौसम ही बदल जाए
अगर तुम मिलने आ जाओ

नहीं मिलते हो तुम मुझसे
तो सब हमदर्द हैं मेरे

ज़माना मुझसे जल जाए
अगर तुम मिलने आ जाओ

कुछ रह सका ना जहां
वीरानी तो रह गई..

तुम चले गए तो क्या
कहानी तो रह गई..

हिम्मत कर, सबर कर, बिखर कर भी संवर जाएगा
यकीन कर, शूकर कर, वक्त ही है - ये भी गुजर जाएगा 

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