जे आज को दैनिक भास्करी सुविचार :
Man is bad case....isnt it?
"अच्छा मनुष्य वही है, जो क्रोध और उत्तेजना के क्षणों में भी वाणी पर संयम रखता है।"
-शेख सादी
जे उ को मालवी प्रश्न,
जा की फकत भाषा ही मालवी आहे,
सत्य तो पुरो हिन्दुस्तानी असो
"कहत है शेख सादी
की वाणी पर संयम जे राखे ते मनुष्य है अच्छो
जानत नाही शेख सादी पियारो
के आज के बहुतक हिन्दोस्तानीयो को
छल-कपट से भरा गयो है कच्छो
आम आदमी के पासे ते बस अपनी आवाज उठानो को ही
अधिकार रह गयो है सच्चो
बाकी सवरे हक्कों की जो ये बातें करत हैं
संतत्व, राजनितिक, संवैधानिक, प्रशासनिक, पत्रकारिता जगत के अधिनायक लोकां
लोकजन ते बस सुनत है इन्हों,
होई-होई के हक्को-बक्को !!
जानत है हमरी गौमाता रामदुलारी भी
की ये सबरे हक तो बस रही गवे हैं किताबी
खाई-खाई ने शोषण को मीठो धक्को
साँची कहूँ ते दीमक भी इन्हाणु चाटन से डरत है
के कहीं उन लोगां को भी चट ना कर जावे जे कागजी धब्बो
ताम ही बताओ अब सरकार
की चीखे-चिल्लाये नहीं,
उकसे-उकसाए नहीं,
क्रोधित-उत्तेजित होवे नहीं ....
तो करे तो करे का आम आदमी को आम बच्चो .........??
हमरी हमज का इलाज कराइ दीजो इ बार पक्को
सने है के थारे द्वारे दवा मिळत है सस्तो
कहत है जे दीवानों इक वारसी
सुन भाई साधो
के थारे तो नामा में ही साधुता बसे है
सत्य की ई झलक म्हारे लागत है इ बारी सच्चो "
Man is bad case....isnt it?
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