ज़िंदगी की बगिया में फूलों की खुश्बू भी है और है काँटों सी चुभन भी,
जीवन संगीत में षड्ज, ऋषभ, गंधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद भी,
कभी फूलों से दिल लगा लिया तो कभी काँटोँ को मन में बसा लिया,
सात सुरों से दिन-रात खेलते हैं संगीतज्ञ और पा लेते हैं सम संसार भी।
जय हो
🙏
ॐ नमः शिवाय
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