Wednesday, January 22, 2025

अनकही बातें


बहुत कुछ पा लिया लेकिन अधूरापन नही भरता... किसी से ऊब जाते है...किसी से मन नही भरता...

एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे वही फासले बढ़ाते चले गए..
हम तो पास आने की कोशिश में थे जाने क्यूं वही दूरियां बढ़ाते गए..

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