Wednesday, January 22, 2025

मौसम और मिजाज़

दिल तड़पता रहा हम तड़पते रहे
सारी रात चांद को तकते रहे 
तेरी याद में सोये नही रातभर
सितारों से ही बातें करते रहे..

सुबह हुई तेरे नाम से
आँखों के एहतराम से
सलाम किया जज़्बातों ने
दिन कटेगा सपनों में..

दोपहर की बात ना कर
आठों पहर ये कहर
शाम के करवट लेते ही
फिर वही रात का सफर..

तुम्हारे साथ मौसम फरिश्तों जैसा
तुम्हारे बिना वही मौसम गमगीन
जादू तुम्हारा है मोहब्बत जैसा
तुम जो हसीन तो समा भी रंगीन..

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