राम सेतु
तुम ही कहो ना राम
क्या बनाया था सेतु?
कहने लगे मुस्कुरा के श्री राम
की इस प्रश्न का अब क्या है हेतु?
खासतौर से तब
जब रामायणी आदर्श ही हो चुकें हैं पूर्णतः धूमकेतु ...
बताया शर्माते हुए हमने फिर "उन्हें"
की अब भी यहाँ के लोगों के लबों पर रहता है "आपका" ही नाम
तो जोर से हँस के "वो" बोले
की मुझे तो दिखाई देतें हैं हर पल किये हुए तुम्हारे काम ...
चीखे -चिल्लाये हम भी जोश से की राम सेवकों में है दम
कसम खुद़ा की काफिरों को उखाड़ फेकेंगे हम
रुआंसे होकर रामजी बोले की बस यही तो है मेरा ग़म
की दिल में मुझे बसाने वाले मंदिर वहीँ बनाने वाले हो गए कितने कम ...
कल्पना "राम राज्य" की और जीते हो पल-पल रावण को तुम
तुमसे तो वो ही भले थे लम्बी थी जिनकी दुम
बोलो ना मेरे राम 'रामजी' कहाँ हो गए गुम..??
रचो ना फिर कोई नया सा सेतु ओ मेरे हनुमान
मिला दे जो हमें रामजी से मिटा के हमारे अवगुण
आठों पहर बजे जहाँ
राम नाम की धुन
राम नाम की धुन
राम नाम की धुन
Man is bad case....isnt it?
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