So what...should we stop praying or kneeling down before it? |
कितना बदसूरत है ये इंसानी खुदा
कितना बेदर्द है ये इंसानी खुदा
इश्क़ और इश्क़ाँ को सूलियां चढ़ा-चढ़ाकर
खुद को पुजवाना चाहता है ये इंसानी खुदा
सदियों कि नाकाम कोशिशों के बावज़ूद भी तो
खुद ही जल-जलकर राख हुआ जाता है ये इंसानी खुदा
जाने कब जानेगा वो दस्तूर मोहब्बत का
के जबके इश्क़ से हर दम ठगा जाता है वो इंसानी खुदा
शायद कभी नहीं ………
खुद ही कि खुदाई में क़यामत लाने कि मूढ़ता जो किये जाता है वो इंसानी खुदा
यकीनन अहंकारवश ही अहंकारी हुआ जाता है वो इंसानी खुदा
अरे वाह रे खुदा ;-)
Man is bad case....isn't it?
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