Each day is a WOMEN'S DAY for me:
सुबह-सुबह का पहला ख्याल हो 'तुम'
दिन भर रहता हूँ 'तेरे' ही सोच में ग़ुम
सांझ ले आती हैं यादें तुम्हारी खट्टी-मीठी, नमकीन
रात मगर जाने क्यूँ रहती गुमसुम गुमसुम
अब यही है जीवन
लागि है यही अब धुन
टुन टूना टुन टुन
ओ माँ, उमा, उमा :-))
व्यक्ति को नहीं बात को पकड़ो
बातों में निहित भावनाओं को जकड़ो
अब दूर खड़े हो एकटक निहारो इन भावनाओं को
जाओ, अब तुम आज़ाद हो इस जगत पहेली से...Man is bad case....isnt it?
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