गुरु कौन.....??
वो...
जो आपको किताबी ज्ञान दे जाए
या वो...
जो आपसे आपकी नफरत छीन ले...!!
वो...
जो आपके मन को बहलाए
या वो...
जो आपको अपने मन का स्वामी बनाए...!
वो...
जो आपको सफल होने के गुर-मंत्र दे जाए
या वो...
जो असफलता का भाव आपसे छीन ले...!!
वो...
जो आपके ज़ख्मो पर सहानुभूति का लेप लगाए
या वो...
जो आपको दुःख की अनुभूति से पार ले जाए...!!
वो...
जो आपको ज़माने क अनुसार जीना सिखलाये
या वो...
जो ज़माने से उसकी सत्ता छीन ले...!!
वो...
जो प्रकाश का मार्ग बतलाये
या वो...
जो अहंकार और अन्धकार की मिथ्यता दिखलाए...!!
वो...
जो लाखों-करोड़ों की भीड़ है जुटाए
या वो...
जो आपसे आपकी महंती महत्वाकांक्षाएं छीन ले...!!
वो...
जो प्रेम और श्रद्धा पर लम्बे-चौड़े प्रवचन कर जाए
या वो...
जो आपको हर पल जीने की कला में घसीट ले जाए...!!
वो...
जो आपको अपना अनुयायी बनाये
या वो...
जो आपसे आपकी परतंत्रता छीन ले...!!
वो...
जो आपके और-और से आपको और भर जाए
या वो...
जो आपको आपके खालीपन से मुक्त होने का मंत्र सुझाए...!!
वो...
जो आपको ICON बनने का सपना दे जाए
या वो...
जो आपके I से CON पन छीन ले...!!
वो...
जो आपको समृद्ध और यशस्वी होने के आशीर्वाद दे जाए
या वो...
जो आपको असली दीनता और अपयश के गुण-धर्म दिखलाए...!!
वो...
जो आपको सम्माननीय होने की जोड़-तोड़ सिखलाये
या वो...
जो आपसे आपका मान और जुगाडू प्रवृत्ति छीन ले...!!
वो...
जो आपको स्वर्गीय होने के उपाय बताये
या वो...
जो आपको [अभी और यहीं ] नरक से छुटकारा दिलाये...!!
वो...
जो आपको क्रिया-कांडों में अखबारों सा उलझाए
या वो...
जो आपसे कर्म की आकांक्षा छीन ले...!!
वो...
जिसे देखते ही आपके सोये हुए अरमान जग जाएँ
या वो...
जिसे देखते ही आपकी तन्द्रा टूट जाए...!!
वो...
जिसका स्पर्श मात्र आपको निरोगी कर जाए
या वो...
जिसकी दृष्टी मात्र ही आपके रोग छीन ले...!!
वो...
बताओ साधो बताओ
अब तुम ही कुछ बताओ
की मो से तो...
सब धरती कागद करूँ
लेखन करूँ बनराए
सात समुंद की मसि करूँ
गुरु गुण लिखा ना जाए !!
[ कागद = कागज़, बनराए = जंगल, समुंद = समुद्र, मसि = स्याही ]
Wishing you life enriched with Gurus on this guru-purnima day...
i mean true gurus and not guru-ghantaals haan...!!
God day
God bless
Love
Peace
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति :
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