|
PROTESTING AGAINST SLAVERY OF MEDIA SLAVES |
- मैं प्रभु सहमति से 'दीनिक भास्कर' की बेतुकी मुहीम का विरोध करता हूँ। यौन सम्बन्ध बनाने की उम्र १८ वर्ष से १६ वर्ष या १४ वर्ष करने के हक़ीक़तों के आधार पर किये जा रहे सराहनीय सरकारी प्रयासों के खिलाफ ये काल्पनिक मुहीम असंभव के विरुद्ध संभवतः जनता जनार्दन को उकसा कर स्वार्थ सिद्धि हेतु स्वयं के वर्चस्व को स्थापित करने का नामाकुल प्रयास है। प्रभु जल्द हमें सत्य के दर्शन करवाएंगे। शायद वे क्षण-क्षण करवा भी रहे हैं सत्य से हमारा दैनिक साक्षात्कार पर हमारा मन ही शायद हमें एकात्म नहीं होने दे रहा हमें प्रभु दर्शन हेतु।
- मैं विरोध करता हूँ 'दैनिक भास्कर' द्वारा हमें ये सीखाने की कोशिश करना की हमें क्या लिखना चाहिए हमारे पार्टी प्रमुखों को भेजे जाने वाले सन्देश में। वे कौन होते हैं हमें अपनी मनमर्जी अनुसार चलाने वाले? क्या हमें प्रभु ने हमारी अपनी नैसर्गिक प्रतिभा से नहीं नवाज़ा है जो ये समाचार पत्र और पीत पत्रकारिता की मोह-माया के जाल में उलझा हुआ पत्रकार वर्ग अपना अर्धसत्यों और अवगुणों से लबरेज, अहंकारात्मक, हिंसात्मक, निंदनीय, अमानवीय और अंधकारमयी ज्ञान हमें बेख़ौफ़ बाँटे चले जा रहे हैं? क्या इसलिए हमने इन्हें समाज के चौथे स्तम्भ का दर्ज और कार्य दिया था? क्या सफलता ने इन्हें दिग्भ्रमित नहीं कर दिया है?
- मैं विरोध करता हूँ डॉ वेद प्रताप वैदिक के श्रीमान राहुल गाँधी को राहुल गाँधी के अलावा किसी और तरह का तथाकथित गाँधी बन जाने के उनके महत्वाकांक्षी किन्तु अनैसर्गिक सुझाव का। वे जैसे भी हैं प्रभु द्वारा रचित अतुलनीय रचना हैं, ठीक हम सबकी तरह। अब ये चुनाव हमारा है की हम क्या बनना चाहते हैं और क्या नहीं, किन कर्मों को दैनिक जीवन के क्रियाकल्पों में उतारना चाहते हैं और किन दूषित कर्मों से निजात पान चाहते हैं या नहीं, कैसे जीना चाहते हैं और कैसे नहीं। हम स्वतंत्र हैं और हमारा अपना एक स्वभाव, एक दायित्व है प्रभु द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने का।
- मैं विरोध करता हूँ तथाकथित स्वयंभू पंडित विजयशंकर मेहता का जो स्त्री के ब्रह्मचर्य को ही स्त्री की पवित्रता या उसकी बहुमूल्य निधि मानते हैं और वो भी बिना ये बताये की 'ब्रह्मचर्य' शब्द का चालाक उपयोग करने के पीछे उनका असल मकसद क्या है। फिर अधकचरा ज्ञान?
- मैं घनघोर विरोध करता हूँ "पचपन साल की उम्र में भी बचपन का बचपना" दिखाने वाले बाबा रामदेव और उनकी अभिमानी विचारों और बातों का।
Man is bad case....isnt it?
No comments:
Post a Comment
Please Feel Free To Comment....please do....