[7/31, 10:00 AM]
Salim: Kya dekhte ho darling..?? 😜
[7/31, 10:20 AM]
Manish Badkas:
जब भी गतिमान मोबाइल कैमरे की आँख में झांँककर देखता हूँ तो वहीं पुराने दिन, खूबसूरत पलछिन, बचपन के यार, हँसी-ठिठोली, वो पहला प्यार, वो बहार, वो दुलार, वो जीत, वो हार, वो मरासिम, वो तकरार, वो...
वही रंगीन नज़ारे, वही मैदान, वही ज़लज़ले नज़र आते हैं, सलीम भाई...,
स्थाई आईने की नज़र से देखता हूँ तो लगता है कितना बदल गया है ना सबकुछ - मैं, मेरे आस-पास के लोग, मेरी तमन्नाएंँ-मेरी ख्वाहिश, मेरा चेहरा, मेरे सपने, मेरा समाज, सामाजिक वातावरण, और भी बहुतकुछ...
पर दिल अब भी वैसा ही नादान बच्चे जैसा नज़र आता है, सलीम भाई..!!
(मोहम्मद सलीम मेरे बचपन के यार, मेरे सहपाठी, मेरे जिगरी दोस्त हैं)