Thursday, July 31, 2025

नज़र नज़र की बात है जी...


[7/31, 10:00 AM] 
Salim: Kya dekhte ho darling..?? 😜

[7/31, 10:20 AM] 
Manish Badkas:
जब भी गतिमान मोबाइल कैमरे की आँख में झांँककर देखता हूँ तो वहीं पुराने दिन, खूबसूरत पलछिन, बचपन के यार, हँसी-ठिठोली, वो पहला प्यार, वो बहार, वो दुलार, वो जीत, वो हार, वो मरासिम, वो तकरार, वो...
वही रंगीन नज़ारे, वही मैदान, वही ज़लज़ले नज़र आते हैं, सलीम भाई...,

स्थाई आईने की नज़र से देखता हूँ तो लगता है कितना बदल गया है ना सबकुछ - मैं, मेरे आस-पास के लोग, मेरी तमन्नाएंँ-मेरी ख्वाहिश, मेरा चेहरा, मेरे सपने, मेरा समाज, सामाजिक वातावरण, और भी बहुतकुछ...
पर दिल अब भी वैसा ही नादान बच्चे जैसा नज़र आता है, सलीम भाई..!!

(मोहम्मद सलीम मेरे बचपन के यार, मेरे सहपाठी, मेरे जिगरी दोस्त हैं)

Tuesday, July 8, 2025

याद है..??

मनाया तो था तुम्हें पर वैसे नहीं जैसे तुम मानती हो
शायद तुम्हें याद नहीं..

नखरे भी उठाए थे हमने तुम्हारे पर कभी गिनाए नहीं
शायद तुम्हें याद नहीं..

हाथ थामा और हक़ जताया तो तुम उसे व्यभिचार समझीं 
शायद तुम्हें याद नहीं..

सुलझाने वाला खुद ही तुम्हारी रेशमी बातों में उलझ गया
शायद तुम्हें याद नहीं..

https://x.com/WeYoSahitya/status/1941776632630386746