घूम के आती है
छम से आती है
छान के जाती है
रुक के आती है
ठहर के जाती है
थम के आती है
थाम के जाती है
वक्त पे आती है
बेवक्त जाती है
होश में आते ही
बेहोशी छा जाती है
जोर से आती है
शोर मचाती है
जम के आती है
जाम पिला जाती है
ये ज़िंदगी है जो मोहब्बत बन कर आती है
वो मोहब्बत है जो ज़िंदगी बन जाती है