लिपटा हुआ हूँ
बदन से तेरे
मैं हवाओं की तरह......,
अब ये बात और
की तू हवा भी है
और बदन भी तू ही.....!!
तू ज़मीन तू आसमां
और ज़मीर भी है तू.....,
आग है तू
बरसे जो सावन की तरह......!!
ये चेहरा
वो चेहरा
चेहरे ही चेहरे.....,
हर सूरत रोशन मगर
तेरे ही नूर से.....!!
Saturday, June 19, 2010
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Kya baat hai manish bhaiya,Kuching panne khali rehgaye shayad,unhebhi Bharat k bhejna
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