Wednesday, December 11, 2013

11.12.13



चाहे रहें १. १. १. कि तरह होकर एकाकार हम 
या फिर 
अपने ही कर्तव्यों से ९. २. ११ होने कि करें बेकार कोशिश हम 
ये सच है कि कोई हमारी १२ नहीं बजा सकता 
तब तक के जब तक के तेरे १ऊँकार सतनाम हैं हम 
माँ कसम ११. १२. १३ कि मखमली रजाई हो तुम 
हुकुम रज्जाई दा चलने कि खायी हैं हमने ७-७ कसम 
१४दहवि का चाँद दूर नहीं अब हमसे
१५ध्रवे दिन ही १ से ५ होंगे हम 
१६ सोमवार तुम रखकर देखो तो सही 
१६वे हफ्ते ही मराठी सोळा पहन लोगी तुम 
१७वे दिन तू रंग देना बसंती मेरा चोला 
१८ बरस के भोले बादशाह से दिखेंगे तुझे हम 
ना तू १९ ना में २०
२१-२१ गुणों वाले सरदार हैं हम 
दीवाना हम में १३ जन्मो जन्मो से 
मीरा दीवानी या हाफ़िज़ कहानी, 
मीना कुंवारी या मासूम प्यारी
पता नहीं क्या हो तुम, कहाँ हो तुम?
बस यही दुआ करता रहते हैं हम अब दिन-रात 
कि मोहब्ब्त भरी इबादत का यूँ ही चलता रहे क्रम 
सरकार-ए-दो-आलम का यूँ ही बरसता रहे इश्कवालों पे रहम-ओ-करम 
वकती तौर पे ज़माने वाले फिर भले ही ढाते रहें लाखों-करोड़ों सितम 
ज़िंदा रहे ढाई आखर प्रेम का 
सनम मेरे सनम २जिस्म १जान हैं हम 
ख़ुदा कसम ख़ुदा कसम ख़ुदा कसम

     


Man is bad case....isn't it?

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