Sunday, December 18, 2022

पंगो की दुनिया

अपने-अपने फलसफे
अपनी-अपनी आदतें हैं जी..
धीरे से वो आते हैं तो
हौले से हम जाते हैं जी..

आना-जाना तो यूं ही लगा रहेगा बरसों,
क्या कहें की ये तो अंदर की बातें है जी..

अंदर-बाहर, बाहर-अंदर, ऊपर-नीचे, नीचे-ऊपर के किस्से हैं ये तमाम,
एक जगह टिके रहना वक्त और इंसान की फितरत ही नहीं है जी..

वो राजी तो हम मना, हम राजी तो वो मना,
दीप में लीन रहना तो मन की तासीर है जी..

आप मस्त रहिए मस्ती में मस्तानों के संग,
हम दीवानों को तो पंगे लेने की लत है जी..
😜😄😜  💘🎯💘 🍌🥑🍌
🔑👙🔑  🩲🚀🩲  🧬🌹🧬

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