Tuesday, January 3, 2023

भर दो झोली

Can you fill it to the core? Can you feel the emptiness within?

हर औरत चाहती है उसे कोई ऐसा मर्द मिले जो उसकी पूरी गहराई नाप कर उसके जिस्म की पूरी प्यास बुझा दे।
हर मर्द भी यही चाहता है की उसे कोई ऐसी औरत मिले जो बिन कुछ कहे, बिन कुछ मांगे, बिना किसी शर्त के उसके रग रग में समा कर उसे पूर्ण कर दे।
जाने क्या बात है मगर की ये एक ऐसी चाहत है जो कभी मुकम्मल नहीं हो पाती..!! मुकम्मल ये जहाँ नहीं या जान नही..!! जाने क्यों ये एक ऐसी मनभावन कला है जो सबको नहीं आती...??

रति सार होना एक अद्भुत कला है
कला निपुण हो भी गए तो क्या..??
कोई निहाल हो ऐश करने-कराने वाला भी तो चाहिए..!!
कोई लीन हो निढाल करने-कराने वाली भी तो चाहिए..!!

करने-कराने से ही निकलती है मादक कराह
एकात्म हो जा छोड़ के सारे ख्याल-ए-गुनाह
व्यापारी है तो लेन-देन का हिसाब सच्चा रख
प्रेमी है तो सुख लेने से ज्यादा देने पर ध्यान रख
पल में कच्चे चिट्ठे खोल देती है ये अद्भुत कला..

कोई रास-लीला कहे, कोई काम-क्रीड़ा कहे तो कोई कहे इसे मोह-माया का जंजाल,
किसी के लिए बला है, किसी के लिए कला है तो किसी के लिए है ये मन का बवाल,
जो भी है, जैसी भी है, मत भूल के तेरे पैदा होने की अचूक वजह भी है ये कमाल..

कहने को तो बहुत कुछ कहते हैं इस आग के दरिया को कहने वाले,
प्रेम रस बरसाते हैं प्रेम में प्रेम से प्रेम के लिए इस दरिया में प्रेमी बहने वाले..
कोई डूब कर पार हो जाता है तो कोई विचारमग्न हो सोचता ही रह जाता है
आतिश ये ऐसी जो लगाए ना लगे और बुझाए ना बने कह गए मिर्जा दिल वाले 

No comments:

Post a Comment

Please Feel Free To Comment....please do....