Wednesday, May 22, 2024

आज की नारी

https://x.com/thenidhii/status/1792831208428392829
Watch before you read 😜

मेरे फटे-पुराने कपड़ों से उसने अपना पवित्र दामन ढांक लिया..
जूते खाने की नौबत आने से पहले ही उसने जैसे स्वाद चख लिया..

सूखे पत्तों की तरह संभाले रखा मैंने उसकी यादों को..
उसकी बातों ने अमर हो सदा ही दवा का काम किया.. 

नैसर्गिक सुंदरता को कॉस्मेटिक उत्पादों की जरूरत क्या..
नयनों ने बड़ी ही अदा से तीर-ए-नीमकश का काम किया..

😜🫶😜

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