Tuesday, August 26, 2025

Sleeping with Dog

सुना है, कुत्तों के साथ सोना इंसानी सेहत के लिए अच्छा होता है 
🐶🐕🐶 
कुत्तों के लिए भी तो मालिक के आगे दुम हिलाना जरूरी होता है 
🐶🐕🐶 
सोना अगर मालामाल होने का परिचायक है तो दुम हिलाना वफ़ा का
🐶 🐕🐶
(God is dog spelled backwards)
ये महज़ इत्तेफ़ाक नहीं, संकेत इसमें पवित्र साथी का भी होता है
🐶🐕🐶

पता नहीं..
शोले का वीरू फिर बसंती को कुत्तों के सामने नाचने से मना क्यों करता है
🤔🤔🤔
पता नहीं..
बसंती जब उसकी नहीं सुनती तो वीरू कुत्तों का खून पीने की बात क्यों करता है


🙈🙉🙊

Tuesday, August 19, 2025

जिस्म और रूह

#रूह 

जिस्म को जिस्म की ही जरूरत होती है
जिस्म चाहने वाला जिस्म ही तलाशता है

रूह को रूह की ही जरूरत होती है
रूह रुह को ही तलाशती है

जिस्म उपरी तौर पर ही प्रेम करता है.. मगर..
रूह रुह की गहराई में उतर जाती है

जिस्म से प्रेम करने वाले अक्सर ही धोखा
दे जाते हैं…
मगर… रूह से प्यार करने वाले ही रिश्ता
निभा जाते है..

✍️🌹 ©अनीता अरोड़ा


#जिस्म और रूह

जुदाई का आलम नहीं जानते जिस्म हो या रूह
खुदी को कबूल ले ख़ुदा की खुदाई की तरह

ज़िंदा जिस्म में ही ज़िंदा रहती है कोइ भी रूह
हाँ...दिखाई नहीं पड़ती वो भी मन ही की तरह

साँसों के दम पर ज़िंदगी होती मौत से रू-ब-रू
रूह-जिस्म संग जीते-मरते हैं प्रेमियों की तरह

दो में से एक को चुनता नहीं कोई भी सुर्खरू
चुनाव पक्षपाती हैं बेबस मतदाता की तरह

तोड़-मरोड़ लो या कर दो उन्हें तुम बेआबरू
रोड़ा अटका रहेगा गुलाब में काँटों की तरह

सुना है के जिस्म दफ़न हो जाते हैं पर मरती नहीं है रूह
जिस्म के बाज़ारों में रूह को मरते हुए देखा है ज़मीरों की तरह 

✍️🌵 ~दीवाना वारसी

Monday, August 18, 2025

काम का संगीत

वो बातें जो तुम्हारी तस्वीरों से अकेले में कहीं करता हूँ ना मैं..
वो बातें तो बस एक दीवाने की नाकाम सी क़वायद होती है 😊
हक़ीक़त में जब तुम्हारी नज़रों से नज़रें चार करता हूँ ना मैं..
काम की बात नहीं बस ऊलजुलूल सी एक बकवास होती है 😊 

नज़रें मिलती हैं तो बात नहीं कर‌ पाता हूँ मैं...
दो काम एक साथ नहीं ना कर पाता हूँ मैं 😜

गा कर ही कहूंँगा कभी मैं तुझसे अपने दिल की बात..
यूँ तो लड़खड़ा जाती है ज़ुबान जब कुछ कहने जाता हूँ मैं 😜

संगीत ही करेगा मदद
बदन तेरा होगा साज़ 
होंठ करेंगे अपना काज
उंगलियाँ थिरक उठेंगी
संगीतमयी होगी आग
🔥 🔥 🔥
आँखें देखेंगी तेरा गुलबदन
स्पंदित होगा नाच
चंदन सा बदन, चंचल चितवन
प्रेम का दर्द, मीठा स्वाद
😋 😋😋

रंगमंच और रंगकर्मी

दुनिया एक रंगमंच है और इस रंगमंच ने हमें सबकुछ भरपूर, अनायास और बेशक दिया है..

मेरा-तेरा, अपना-पराया, ये-वो के द्वैत से ऊपर उठकर जो देखो तो साफ दिखाई पड़ता है..
 
की..

मालिक ने दो आलमों पर मालकियत जताने का हक़ तो शायद ख़ुद को भी नहीं दिया है..
🪔 
अप्पो दीपो भवः