Monday, August 18, 2025

रंगमंच और रंगकर्मी

दुनिया एक रंगमंच है और इस रंगमंच ने हमें सबकुछ भरपूर, अनायास और बेशक दिया है..

मेरा-तेरा, अपना-पराया, ये-वो के द्वैत से ऊपर उठकर जो देखो तो साफ दिखाई पड़ता है..
 
की..

मालिक ने दो आलमों पर मालकियत जताने का हक़ तो शायद ख़ुद को भी नहीं दिया है..
🪔 
अप्पो दीपो भवः

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