Sunday, May 10, 2009

CRISIS


वो ठिठका था मेरे घर के चौराहे पर,

सोई तमन्ना जाग उठी ले आई दोराहे पर,

उसकी आंखों में एक अजीब तलाश थी,

खोज रहा था वो जिसको, में वो पलाश थी,

वो लबरेज़ था और में प्यासी,

नही.. ये न थी कोई चाल सियासी,

बढ़ा आ रहा था वो तेज कदमो से मेरी जानिब,

देख रहा था ऐसे जैसे हम कोई कलाम-ऐ-ग़ालिब,

सोचा के दे ही दूँ इसे प्यार भरा बोसा,

के निकल गया वो जैसे ही पल्ला मैंने खोसा,

हम अवाक !! सोचते ही रह गए................,



क्या सारे TANKER मर्द होते हैं...???



WORLD IS GOING THROUGH SEVERE CRISIS OF WATER & LOVE

thanks again to man...

MAN IS BAD KASE...isnt he?

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