कैसे पता लगायें की क्या सोच है और क्या है सच..??
काश.. ये ' ओ ' की मात्र हटा देने जितना आसान होता..
किसको दें ज्यादा तरजीह - Goodness को या Godliness को..??
काश.. ये ' O ' का हिज्जा हटा देने जितना आसान होता..
यूँ तो ये इतना ही आसान है जितना दिखाई देता है..
काश.. मगर चुन लेने का हम पर यूँ भूत सवार ना होता..
कुछ ना चुनना भी तो एक चुनाव ही है लेकिन..
काश.. सिक्के के दोनों पहलुओं का क़ुबूल मुझमे होता..
फूलों के ही दीवाने हैं सब,
कांटो से दिल कौन लगाये,
कांटे ही लिए बैठें हैं अब,
फूल तो कब के मुरझाये...
चुनने की भूल की थी तब,
अब तो यह राज़ साफ़ नज़र आए,
खुशबु बनकर महके है रब,
रब ही तो कांटो में समाये...
Tuesday, November 9, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कुछ ना चुनना भी तो एक चुनाव ही है लेकिन..
ReplyDeleteकाश.. सिक्के के दोनों पहलुओं का क़ुबूल मुझमे होता..
kaash ! poori zindagi isi me raaste tay karti hai ki kaash