Saturday, February 26, 2011

EVALUATION vis a vis EVOLUTION


A politician tries hard to to show off the brighter side of his personalityby wearing sparkling white clothes.
We all know what he actually reveals through his acts...
Still, it is better not to judge the person by affixing a permanent label on him for a lifetime. Its prudent to know the act or the event as it is though.


आदमी को आँक कर  
वस्तु बना देते हैं हम,
कृत्यों को उसके
दिल से लगा लेते हैं हम,
घटना थी एक
घट गई,
अतीत को किन्तु
वक्ष से लगा लेते हैं हम...

देख लें
आगे बढ़ें
जियें पल दो पल,
बीते को नाम दे मगर
अमिट बना लेते हैं हम...

शंका और भय से
होकर हम लिप्त,
ज्ञान को अपने
अंतिम मान लेते हैं हम...

कल सुनहरा करने को
मिलता हर क्षण एक सुअवसर,
सुरक्षा के फेर में लेकिन
अवसरों की चिता बना लेते हैं हम...

हार-जीत का इतना
आग्रह है हमको,
की अद्वैत के इस खेल को
द्वन्द बना लेते हैं हम...

Man Oh Man....!!!
you either occupy yourself crying and lamenting of the past or you keep yourself busy dreaming about the distant future............
That, it seems is the only way you know to make use of the gift called present. 


Man, hitherto, is a bad case....isnt it?

2 comments:

  1. कल सुनहरा करने को
    मिलता हर क्षण एक सुअवसर,
    सुरक्षा के फेर में लेकिन
    अवसरों की चिता बना लेते हैं हम...
    kitni mahatwpurn baat ko aapne ingit kiya hai

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