Friday, September 19, 2014

JOBLESS NOT USELESS


बे कार तो खैर मैं था ही सही अब बेकार भी हो गया 
एक बेकार के मन इज़ bad केस का और होता भी क्या 
जो होना था बाक़ायदा वही तो अलक़ाएदा हुआ
देखना अब बस ये है की आगे होता है क्या 
फिर 
तुम जब से लेने लगे हो चिंताएँ मेरी
लेने लगे हैं या रसूलअल्लाह खबर मेरी
फ़क़ीर को अब फ़िकर ही क्या
चाहे तुम्हारी उम्मत समझती हो मुझको बैरी 
समझने दो जिसे जो चाहता है समझना
नासमझों की समझ की परवाह लेना भी क्या 
इब्तदा-ए-इश्क़ है रोता है क्या 
आगे-आगे देखिये होता है क्या...क्या... क्या...:-)

  
 


Man is bad case....isn't it?

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